Sunday, November 4, 2012

भगवान....ईश्वर.........अल्लाह...... तेरा ख्याल रखे


मैं पागल हो जाऊंगा 
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मित्रो बताओ 
जिसे मैं अपने मन
आत्मा में बसा हुआ मानता हूँ 
उसे अपने फेस बुक फ्रेंड कि सूची में से कैसे हटा दूं 
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कोइ मुझे बताए कि उस 
"विक्रांत विज" का मैं क्या करूं 
जो मेरा मित्र है 
भाई है 
बेटा है 
मेरी आत्मा में 
मेरे रोम-रोम में बसा है
कैसे उसे मैं उसे अपनी फेस बुक फ्रेंडज कि 
सूची से अन-फ्रेंड करूं 
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आज मन बहुत बैचैन है 

मेरा एक परम मित्र ...
बेटा............
बेटे जैसा 

जो की बहुत ही सूझवान 
यशस्वी
होनहार 
कीर्तिवान तथा 
बहुत ही प्यारा था 

पता चला कि
कल इस नश्वर संसार से 
विदा हो गया 

और में चाह कर भी 
अपने स्वास्थ्य और हालात कि वजह 
से उसका अंतिम बार चेहरा देखने भी उसके घर 
नंगल तक पहुंच पाने में कामयाब नहीं हो पाया 
.
.
मुझे ये दुःख सारी उम्र अपना पीछा नहीं छोड़ने देगा
.
.
मुझे मुआफ कर देना मित्र 
मगर तुम्हारा चेहरा सदा मेरे ललाट पर 
छपा रहेगा .
.
भगवान....ईश्वर.........अल्लाह......
तेरा ख्याल रखे  

......आमीन 


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