चाहता तो हूँ कि
ये दुनिया
बदल दूँ
पर दो वक़्त की रोटी के
जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती
दोस्तो
मत पूछ मेरा कारोबार क्या है,
मोहब्बत की दुकान चला रहा हूँ
नफरतों के बाज़ार में...
ये दुनिया
बदल दूँ
पर दो वक़्त की रोटी के
जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती
दोस्तो
मत पूछ मेरा कारोबार क्या है,
मोहब्बत की दुकान चला रहा हूँ
नफरतों के बाज़ार में...
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