Sunday, June 15, 2014

कब्रिस्तान

गुज़रा एक कब्रिस्तान
के पास से
देखा कितनी शांती है
अंदर गया
बहुत सी कब्रें थीं

कई कब्रों पर
कुछ इबारतें भी लिखी थीं

एक कब्र पर लिखा था...

"किसी को क्या इलज़ाम दूं दोस्तो...,
ज़िन्दगी में सताने वाले भी अपने थे,
और दफनाने वाले भी अपने थे"...

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